ब्रिटेन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Builder.ai, जिसे Microsoft और Qatar Investment Authority (QIA) का समर्थन प्राप्त था, अब दीवालिया होने जा रही है। कंपनी के CEO मनप्रीत राठिया ने बताया कि एक बड़े कर्जदाता ने कंपनी के ज़्यादातर पैसे जब्त कर लिए हैं, जिससे कंपनी के पास महज़ 5 मिलियन डॉलर ही बचे हैं।
क्या हुआ अचानक?
पिछले साल, Viola Credit नाम की कंपनी ने Builder.ai को 50 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया था। अब उसी Viola ने बिना कोई स्पष्ट कारण बताए 37 मिलियन डॉलर जब्त कर लिए हैं। बचे हुए 5 मिलियन डॉलर फिलहाल भारत में मौजूद कंपनी के खातों में हैं, लेकिन भारतीय नियमों के चलते यह पैसा कर्मचारियों को वेतन देने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
कर्मचारियों की छंटनी और दिवालियापन की तैयारी
CEO राठिया ने कहा कि कंपनी के पास अब इतना पैसा नहीं बचा है कि वह अपनी टीम को बनाए रख सके, इसलिए अधिकांश कर्मचारियों को निकालना पड़ा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी यूके, अमेरिका, भारत, यूएई और सिंगापुर जैसे पांच देशों में अपना दिवालियापन फाइल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी।
कभी स्टार स्टार्टअप, अब संघर्ष में
Builder.ai की कहानी किसी फिल्मी रोलरकोस्टर से कम नहीं रही। सिर्फ दो साल पहले कंपनी ने QIA के नेतृत्व में 250 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी। 2023 में Microsoft ने भी इसमें हिस्सेदारी खरीदी थी। लेकिन कुछ महीने पहले ही Bloomberg को कंपनी ने बताया था कि उसे सेल्स के अनुमान कम करने पड़े हैं और बीते दो सालों के अकाउंट्स की ऑडिट भी शुरू की गई है। दरअसल, कुछ पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने अपने बिक्री आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बताए थे।
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CEO बदलना भी नहीं आया काम
Builder.ai के फाउंडर सचिन देव दुग्गल ने फरवरी 2025 में CEO पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह मनप्रीत राठिया को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बोर्ड में भी बदलाव किए गए थे, लेकिन इससे कंपनी की गिरती हालत पर रोक नहीं लग सकी।
कंपनी ने एक बयान में कहा,
“पुराने समय की चुनौतियों और गलत फैसलों के कारण बिजनेस को जो वित्तीय झटका लगा, उससे हम उबर नहीं पाए।”
अब कंपनी जल्द ही एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करेगी जो दिवालियापन की प्रक्रिया को संभालेगा।
AI स्टार्टअप्स में निवेश के जोखिम भी सामने आए
Builder.ai की यह गिरावट इस बात का इशारा करती है कि AI स्टार्टअप्स में भारी निवेश करना हमेशा फायदेमंद नहीं होता। ChatGPT की सफलता के बाद कई निवेशक AI सेक्टर में पैसा लगाने लगे थे, लेकिन Builder.ai जैसे केस दिखाते हैं कि बिना ठोस बिजनेस मॉडल के, भारी निवेश भी कंपनी को बचा नहीं सकता।
कंपनी क्या करती थी?
Builder.ai की शुरुआत 2016 में हुई थी। इसका उद्देश्य था – ऐसे टूल्स बनाना जिससे बिना कोडिंग के मोबाइल ऐप्स डेवलप किए जा सकें। इस प्लेटफॉर्म से कंपनियां बिना डेवलपर्स की मदद के अपने ऐप्स तेज़ी से बना सकती थीं।
बड़े निवेशक भी शामिल
Builder.ai में निवेश करने वालों की लिस्ट में Microsoft और QIA के अलावा ये नाम भी शामिल हैं:
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International Finance Corporation (World Bank Group)
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WndrCo (Jeffrey Katzenberg)
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Lakestar
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SoftBank Group का DeepCore Incubator
UK और US में दिवालियापन की प्रक्रिया में अंतर
Builder.ai का मुख्यालय UK में है, जहां इंसॉल्वेंसी की प्रक्रिया होती है, जबकि अमेरिका में बैंकruptcy की। UK में कोर्ट द्वारा नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर कंपनी को मैनेज करता है, जबकि US में वर्तमान मैनेजमेंट ही बना रहता है, लेकिन हर बड़ा फैसला कोर्ट की मंजूरी से होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Builder.ai का पतन यह दिखाता है कि केवल नामी निवेशकों की मौजूदगी ही सफलता की गारंटी नहीं होती। AI की दुनिया में जहां हर कोई अगला “OpenAI” बनने की दौड़ में है, वहीं इस घटना से यह भी सीख मिलती है कि पारदर्शिता, फाइनेंशियल प्लानिंग और सही नेतृत्व कितना ज़रूरी है।
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